Tuesday 23 April 2013

होली खेलत रे नंद लाल

होली खेलत रे नंद लाल जमुन  तट होली खेलत रे 
बरसाने में पहुँच गए सब जोर जोर ग्वालिन टेरत रे 

सांठ गाँठ सखियन में है रहि पकरों आज नन्द को छोरो 
लाल गुलाल गालन पै मलहों  करिहों  कारे तै  गोरो 
कान्हा चीनत सगरी चतुराई, कोई नाहि बच है अज कोरो 
दधि मट किन् में रंग भरावत साथ में कीचर घोरो 

ग्वालवाल समुझाय दये हैं लपक झपक सब घेरत रे    
होली खेलत रे नंद लाल जमुन तट होली खेलत रे 

श्रीप्रकाश शुक्ल 

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