Saturday 26 June 2010

लगभग सभी प्रशासनिक अधिकारियों को कुछ छोटे छोटे पर्क मिलते हैं जिनसे उनकी कार्य क्षमता बढ़ सके
अधिकारी गण उनका कैसे उपयोग करते है एक द्रष्टिकोण :-

चोरी

एक अवकास प्राप्त सरकारी अधिकारी
रविवार के दिन फुर्सत से,
कबाडी को बुला, अखवार की
रद्दी बेच रहे थे
कबाडी से झिक झिक कर रहे थे
उसकी तोलने की विधि पर,
उसकी तराजू की सत्यता पर,
लपक क़र गए
घर के अन्दर से
कमानीदार तुला ले आये
तबतक उनका एक मित्र
आपहुंचा
बोले ,मैं इसे लन्दन से लाया था
इन  कबाडियों को सबक सिखाने के लिए.
मित्र बोला, मेरी समझ से तो
यह सरकारी पैसे से खरीदे गए थे
तुम्हें या तो इन्हें दान क़र देना चाहिए
या फिर बेचकर,
सरकार को पैसे बापिस कर देना चाहिए
देख नहीं रहे कबाड़ी के
पेंट और कमीज़ पर लगे
थिंगडे
ज़रा भी रहम नहीं आता
आपको इसकी दयनीय दशा पर
यह अखवार बेचकर पैसे रख लेना
सरासर चोरी है
अधिकारी जी निरुत्तर थे
और कहीं और देख रहे थे


श्रीप्रकाश शुक्ल
२५ अक्टूबर १९९२ 
दिल्ली

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